हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इस्लाम के फराइज़ो और वाजीबात में से एक फरीज़ा रोज़ा भी हैं, एक मोमिन को चाहिए कि वह रोज़े में हर तरह की कमी से बचने की कोशिश करें, और रोज़ा रखने से पहले रोज़े के आवश्यक नियमों और विभिन्न मुद्दों से अवगत होना चाहिए
बहुत अफसोस के साथ यह बात कहनी पड़ती है कि हमारे समाज में रोज़ा रखने वाले अक्सर लोग इसके अहकाम और मसाईल से बेखबर होते हैं,
इस चीज़ को शुद्ध करने के लिए शिया टुडे , अहलेबैत अ.स. फौंडेशन और अलमुर्तुज़ा चैनल के माध्यम से देश के महान उलेमा के ज़रिए आप अपने हर प्रकार के सवाल पूछ सकते हैं
रमज़ान के महीने में जानबूझकर या अनजाने में हुई गलतियों से सुरक्षित रहने के लिए भारत, पाकिस्तान और दुनिया के विभिन्न देशों में रहने वाले लोग अपने शरई मुद्दों को ओलेमा इकराम से घर बैठे जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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मौलाना मिनहाल रज़ा खैराबादी
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मौलाना तकी अब्बास रिज़वी कलकत्तावी
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